5. रिस्क मैनेजमेंट :

(अ). संभावित रिस्क का आकलन करें: हमारा जीवन अनिश्चितताओं से घिरा हुआ है, जिसके कारण भविष्य में हमारे लक्ष्यों को हासिल करने में रुकावटें आ सकती हैं। अत: हमें भविष्य में होने वाली ऐसी सभी संभावित रिस्क का आकलन कर लेना चाहिए।

(ब). पर्याप्त इंश्योरेंस कवर लें: इंश्योरेंस रिस्क को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया है, जिसके तहत हम अपनी वित्तीय रिस्क को इंश्योरेंस कंपनी को प्रीमियम चुकाकर ट्रांसफर कर सकते हैं एवं अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं। बात चाहे लाइफ इंश्योरेंस की हो या हेल्थ इंश्योरेंस की, हममें से अधिकांश व्यक्तियों ने ये इंश्योरेंस तो ले रखे हैं, पर इनके कवर पर्याप्त नहीं हैं। इसका मुख्यि कारण है कि हम इंश्योरेंस में भी रिटर्न तलाशते हैं और रिस्क को अंडर एस्टीमेट करते हैं। अत: आवश्यकता यह है कि टर्म प्लान के जरिए पर्याप्त लाइफ इंश्योरेंस एवं बढ़ती हुई मेडिकल कास्ट को ध्यान में रखकर पर्याप्त हेल्थ इंश्योरेंस लें।

(स). इमरजेंसी फंड तैयार करें:
हर व्यक्ति के जीवन में अनिश्चित घटनाएँ घटित होती रहती हैं, चाहकर भी हम अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग में इनका समावेश नहीं कर पाते हैं। इमरजेंसी फंड अनिश्चित घटनाओं के दौरान उत्पन्न वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति करने के साथ ही वित्तीय कमी से उत्पन्न होने वाली मानसिक प्रताड़ना से भी हमें बचाता है। हमें 4 से 6 माह के मासिक खर्च, लोन-ईएमआई, इंश्योरेंस पॉलिसी की सालाना प्रीमियम के योग के बराबर इमरजेंसी फंड तैयार कर लेना चाहिए।